रतलाम में घुमने की जगह /Places to visit in Ratlam

रतलाम मे घुमने की जगह अनेक प्रकार की स्थान हैं ,रतलाम (ratlam) भारत के मध्य प्रदेश के राज्य के मालवा छेत्र मे स्थित  एक नगर है| यह रतलाम जिले का मुख्यालय  भी है मध्य प्रदेश का सबसे सुरम्य जिला, भारत का रत्न, रतलाम, सभी तरफ से लुभावनी जगहों से घिरा हुआ है। यह महाराजा रतन सिंह का पूर्व घर था। यहां उपलब्ध ऐसी असंख्य साइटों को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।रतलाम मे एतिहासिक महत्व  कर कई स्थान  हे| मुख्य आकर्षण  बीबरोड तीरथ (जैन मंदिर )’ कैक्टस, खरमोर पंछी अभ्यारण,श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ, धोलावाड़ बांध आदि है|

रतलाम में घुमने की जगह

कैक्टस गार्डन (cactus garden)

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रतलाम  के पास यह शांत शहर विशिष्टता  का  खजाना है जसवंत निवास पैलेस मैं आप कैक्टस  गार्डन मैं एक आदमी की ऊंचाई  से दोगुनी कैकती  देख सकते हैं, जिसमे लगभग 1200 विभिन्न प्रकार की कैकती हैंयह एक अपेक्षाकृत नया बगीचा है जिसे लगभग 50 साल पहले सैलाना उद्यान परिसर में स्थापित किया गया था। शहर के सेलाना पैलेस में स्थित कैक्टस गार्डन पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। ये बगीचा लगभग 200 साल पुराना है। यहां भारतीय किस्मों के साथ-साथ कैक्टिस की विदेशी प्रजातियां भी देखी जा सकती हैं।

कैक्टस गार्डन (cactus garden)

खरमौर पक्षी अभयारण्य (Kharmor bird Abhyaran)

मध्य प्रदेश राज्य  भारत के मध्य भाग में सहित है और इसकी एक  तिहाई  भूमि वाणी जीवन के लिए एक  अद्वितीय  आवास प्रदान करती है यह पक्षी आश्रय स्थल रतलाम शहर के सेलाना गांव में स्थित है। इसी कारण इसका दूसरा नाम सैलाना पक्षी अभ्यारण्य है। खरमौर पक्षी प्रजाति अभयारण्य की सबसे महत्वपूर्ण दुर्लभ पक्षी प्रजाति है। इन अभयारण्यों का कुल आकार 13 वर्ग किलोमीटर है।

खरमौर पक्षी अभयारण्य (Kharmor bird Abhyaran)

ढोलवाड़ बांध (Dholwad dam)

यहा बरसात के समय का द्रश्य देखने योग होता है,ढोलावाद बांध रतलाम में स्थित यात्री  आकर्षणों  में  से एक एक है जो रतलाम के पश्चिम की ओर 25 मिल  दूर है सरोज सरोवर  बांध के रूप में भी जाना जाता है ढोलावाद  बांध रावटी  शहर से सड़क  मार्ग  से 6 मिल  दूर  है निर्मल वातावरण के बीच बांध स्थापित  किया गया है ओर यहा शांत  वातावरण रहता है दर्शी का आनंद के लिए सूर्यास्त तक रहें.

ढोलवाड़ बांध (Dholwad dam)

कालिका माता मंदिर (kalika mata temple)

रतलाम में सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक कालिका माता मंदिर की प्रतिष्ठा है। यह मंदिर दीवारों पर बेहतरीन नक्काशी और मूर्तिकला का एक अभूतपूर्व उदाहरण है, जो इसे इतिहासकारों के साथ-साथ हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए रतलाम में घूमने के लिए सबसे फायदेमंद स्थानों में से एक बनाता है। तीन देवियों की मूर्तियों की अध्यक्षता वाले इस मंदिर में हर दिन सैकड़ों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

मूर्तियाँ प्रभावशाली प्राचीन वास्तुकला का प्रतीक हैं। बगीचों से घिरा यह मंदिर, रतलाम में परिवारों के घूमने के लिए एक आदर्श स्थान है। आसपास के बाजार में दुकानों पर धार्मिक कलाकृतियों के खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। यदि आप रतलाम के प्रामाणिक सार और वर्षों से विरासत में मिली समृद्ध संस्कृति का पता लगाना चाहते हैं तो यह बाज़ार आपके लिए एक पेशकश स्थल है।

कालिका माता मंदिर (kalika mata temple)

कीर्ति स्तंभ सैलाना (Kirti stambh sailana)

कीर्ति स्तंभ सैलाना का निर्माण तत्कालीन नरेश जसवंत सिंह द्वारा 1859 से 1919 के बीच करवाया गया था।जिसका निर्माण 12 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। आपको बता दें कि यह स्तंभ 220 मीटर लंबा है जो जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा प्रमुख तीर्थ माना जाता है। बता दें कि इस टॉवर का निर्माण एक जैन व्यापारी “बघेर वंशीय शाह जीजा” द्वारा राजा रावल कुमार सिंह के शासनकाल के दौरान किया गया था। ताकि जैन धर्म का महिमामंडन किया जा सके। बता दे कि कीर्ति स्तम्भ को टावर ऑफ फेम के नाम से भी जाना जाता है जो प्रथम तीर्थ कर ऋषभ को समर्पित है।स्तंभ में ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई हैं। आप इस स्तंभ के ऊपर जा सकते हैं और चारों तरफ का खूबसूरत व्यू देखने के लिए मिलता है। यह कीर्ति स्तंभ पत्थर व चूना से बना हुआ है।

कीर्ति स्तंभ सैलाना (Kirti stambh sailana)

श्री केदारेश्वर महादेव मंदिर ( shree kedareswar mahdev temple)

केदारेश्वर महादेव की स्थापना पांडवों के अज्ञातवास के दौरान महाबली भीम ने की थी। महादेव ने भीम की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था। यह बात भी प्रचलित है कि भगवान केदारेश्वर महादेव का पूजन सबसे पहले कोई मनुष्य नहीं कर पाता। दैवीय शक्तियों द्वारा केदारेश्वर भगवान की सबसे पहले पूजा की जाती है।यह मंदिर चारों तरफ से खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर अगर बरसात के समय आते हैं, तो बरसात में यहां पर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है और यहां पर एक गहरा कुंड है। जलप्रपात एक कुंड पर गिरता है।

श्री केदारेश्वर महादेव मंदिर ( shree kedareswar mahdev temple)

अष्टपद जैन तीर्थ (Ashtapad jain teerth)

 यहां पर आकर बहुत ही खूबसूरत मार्बल से बना हुआ मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर ठहरने के लिए और भोजशाला उपलब्ध है। यह मंदिर बहुत ही अद्भुत लगता है।यह जैन समुदाय का धार्मिक स्थल है।यह तीर्थ स्थान दिल्ली-मुम्बई रेल मार्ग पर रतलाम स्टेशन से 50 किलोमीटर दूर है । यह जावरा स्टेशन से 16 किलोमीटर, नागदा से 50 किलोमीटर और रतलाम से 50 किलोमीटर दूर है। दिल्ली, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई, जयपुर, गोवा, दुर्ग, बेंगलुरु और कोलकाता से आने वाली लगभग सभी एक्सप्रेस ट्रेनें इन स्टेशनों पर रुकती हैं।

अष्टपद जैन तीर्थ (Ashtapad jain teerth)

गढ़ खंखाई माताजी (Garh khankhai mataji)

गढ़ खंखाई माता जी का मंदिर माही नदी के किनारे स्थित है। मंदिर से माही नदी का मनोरम दृश्य देखने के लिए मिलता है। नवरात्रि के समय यहां पर मां के दर्शन करने के लिए लोगों की आत्याधिक मात्रा मे भीड़ जमा होती है। यहां पर चारों तरफ का दृश्य बहुत ही अद्भुत है। गढ़ खंखाई माताजी मंदिर रतलाम शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है।

गढ़ खंखाई माताजी (Garh khankhai mataji)

माही बजाज सागर बांध (mahi bajaj sagar dam)

माही बजाज सागर बांध बहुत स्थान खूबसूरत है यह जगह चारों ओर हरियाली से घिरी होती है। यहाँ पर आपको बहुत सारे टापू देखने मिलते हैं। यहां परबहुत  सारे लोग दिन में पिकनिक बनाने के लिए आ सकते हैं।

जलविद्युतीय बिजली उत्पादन और जल आपूर्ति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 1972 और 1983 के बीच बांध का निर्माण किया गया था।

माही बजाज सागर बांध (mahi bajaj sagar dam)

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