somnath tourist places in hindi -सोमनाथ की पवित्र धरती पर आपका स्वागत है! 🙏 क्या आप एक ऐसी यात्रा की तलाश में हैं जो आध्यात्मिकता, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत मिश्रण हो? तो आपकी खोज यहीं समाप्त होती है।🕉️ गुजरात के इस प्राचीन शहर में, इतिहास और आध्यात्मिकता का एक अद्भुत मिश्रण है जो आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। सोमनाथ मंदिर की भव्यता से लेकर समुद्र तट की शांति तक, यह स्थान हर यात्री के लिए एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है।
सोमनाथ, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक का घर है, केवल एक तीर्थस्थल नहीं है। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ प्राचीन मंदिर अपनी भव्यता से आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे, समुद्र तट अपनी शांति से आपको आकर्षित करेंगे, और सदियों पुराने स्मारक अपनी कहानियों से आपको रोमांचित कर देंगे। 😍🏖️🏛️
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इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको सोमनाथ के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों की एक विस्तृत यात्रा पर ले जाएंगे। हम आपको धार्मिक स्थलों और आध्यात्मिक अनुभवों से लेकर प्राकृतिक आश्चर्यों और सांस्कृतिक धरोहरों तक की जानकारी देंगे। साथ ही, हम आपको यात्रा की व्यावहारिक जानकारी भी प्रदान करेंगे ताकि आप अपनी यात्रा को सुचारू रूप से योजनाबद्ध कर सकें। तो चलिए, सोमनाथ की इस रोमांचक यात्रा की शुरुआत करते हैं!
somnath tourist places in hindi
सोमनाथ भारत के सबसे पवित्र और लोकप्रिय तीर्थस्थलों में से एक है। यह गुजरात के वेरावल शहर में स्थित है और अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। आइए सोमनाथ के प्रमुख आकर्षणों की यात्रा करें, जो इस शहर को एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाते हैं।
1 .सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर, जिसे ज्योतिर्लिंग सोमनाथ के नाम से भी जाना जाता है, सोमनाथ का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण आकर्षण है। यह भगवान शिव को समर्पित एक भव्य मंदिर है और हिंदू धर्म के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
मंदिर का इतिहास
सोमनाथ मंदिर का इतिहास बहुत पुराना और रोमांचक है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सोमराज ने चंद्रमा के सम्मान में किया था। यह मंदिर कई बार विध्वंस और पुनर्निर्माण के चक्र से गुजरा है। 11वीं शताब्दी में महमूद गजनवी के आक्रमण से लेकर 1950 के दशक में स्वतंत्र भारत द्वारा इसके पुनर्निर्माण तक, यह मंदिर भारतीय इतिहास का एक जीवंत गवाह रहा है।
वास्तुकला और डिजाइन
वर्तमान सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला अत्यंत प्रभावशाली है। यह चालुक्य शैली में निर्मित है, जो गुजरात के मंदिर वास्तुकला की एक विशिष्ट शैली है। मंदिर का शिखर लगभग 15 मीटर ऊंचा है और इसकी ध्वज दंड 37 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचता है। मंदिर के बाहरी हिस्से पर जटिल नक्काशी और मूर्तिकला है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं और देवी-देवताओं को चित्रित करती है।
आध्यात्मिक महत्व
सोमनाथ मंदिर न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल भी है। यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मंदिर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। विशेष त्योहारों और उत्सवों के दौरान, जैसे महाशिवरात्रि, मंदिर में विशेष आयोजन किए जाते हैं।
पर्यटकों के लिए सुविधाएं
सोमनाथ मंदिर परिसर में पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां एक संग्रहालय है जो मंदिर के इतिहास और पुरातत्व को प्रदर्शित करता है। साथ ही, यहां एक ध्वनि और प्रकाश शो भी आयोजित किया जाता है, जो मंदिर के इतिहास और महत्व को रोचक तरीके से प्रस्तुत करता है। पर्यटक यहां से स्मृति चिन्ह और धार्मिक वस्तुएं भी खरीद सकते हैं।
2. सोमनाथ बीच
शांत तटरेखासोमनाथ मंदिर के पास ही स्थित सोमनाथ बीच, शहर का दूसरा प्रमुख आकर्षण है। यह सुंदर और शांत समुद्र तट पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य और आराम का अनुभव प्रदान करता है।प्राकृतिक सौंदर्य
सोमनाथ बीच अरब सागर के किनारे स्थित है और अपने स्वच्छ पानी और सुनहरी रेत के लिए जाना जाता है। समुद्र की लहरों की मधुर ध्वनि और ताजी हवा का स्पर्श पर्यटकों को एक शांत और सुकून भरा अनुभव प्रदान करता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य यहां विशेष रूप से आकर्षक होते हैं, जो फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए एक स्वर्ग हैं।
गतिविधियां और मनोरंजन
सोमनाथ बीच पर पर्यटक कई गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। यहां तैराकी, सनबाथिंग, और समुद्र तट पर टहलने जैसी गतिविधियां लोकप्रिय हैं। बच्चों के लिए रेत के किले बनाना एक मजेदार गतिविधि हो सकती है। शाम के समय, बीच पर बैठकर शांत वातावरण का आनंद लेना एक सुखद अनुभव हो सकता है।
नौकायन और मछली पकड़ना
सोमनाथ बीच पर नौकायन की सुविधा भी उपलब्ध है। पर्यटक छोटी नावों में समुद्र की सैर कर सकते हैं। स्थानीय मछुआरे यहां अपनी परंपरागत तकनीकों से मछली पकड़ते हैं, जो एक रोचक दृश्य प्रस्तुत करता है। कुछ पर्यटक स्थानीय गाइड की मदद से मछली पकड़ने का अनुभव भी ले सकते हैं।
स्थानीय व्यंजन
बीच के पास कई छोटे रेस्तरां और ठेले हैं जहां पर्यटक स्थानीय समुद्री भोजन का स्वाद चख सकते हैं। ताजा पकड़ी गई मछली से बने व्यंजन यहां की विशेषता हैं। नारियल पानी और स्थानीय मिठाइयां भी यहां आसानी से उपलब्ध हैं।सुरक्षा और सुविधाएंसोमनाथ बीच पर पर्यटकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है। यहां लाइफगार्ड तैनात रहते हैं और तैराकी के लिए सुरक्षित क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। बीच पर शौचालय, चेंजिंग रूम, और पानी की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। पर्यटकों के लिए छाता और कुर्सियां किराए पर लेने की व्यवस्था भी है।
3. त्रिवेणी संगम
त्रिवेणी संगम सोमनाथ का एक अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है। यह वह जगह है जहां तीन नदियां – कपिला, हिरण और सरस्वती – अरब सागर में मिलती हैं। यह स्थान न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए, बल्कि अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है।
आध्यात्मिक महत्व
हिंदू धर्म में नदियों के संगम को बहुत पवित्र माना जाता है। त्रिवेणी संगम में स्नान करना पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण (जल अर्पण) करते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य
त्रिवेणी संगम का दृश्य अत्यंत मनोरम है। तीन नदियों का मिलन और उनका समुद्र में प्रवेश एक अद्भुत नजारा पेश करता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां का दृश्य विशेष रूप से आकर्षक होता है। पर्यटक यहां से समुद्र में डूबते सूरज का शानदार दृश्य देख सकते हैं।
गतिविधियां
त्रिवेणी संगम पर कई गतिविधियां की जा सकती हैं:
स्नान: श्रद्धालु यहां पवित्र स्नान करते हैं।
पूजा और अनुष्ठान: यहां विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
नौका विहार: पर्यटक छोटी नावों में संगम की सैर कर सकते हैं।
फोटोग्राफी: यह स्थान फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए स्वर्ग है।
4. भालका तीर्थ
भालका तीर्थ सोमनाथ का एक अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह वह स्थान है जहां, पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपना अंतिम समय बिताया था। यह स्थान कृष्ण भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है और सोमनाथ के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है।
ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व
भालका तीर्थ का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यहीं पर एक शिकारी ने गलती से भगवान कृष्ण के पैर में तीर मार दिया था, जिससे उनका देहांत हुआ। इस घटना के कारण इस स्थान को ‘देहोत्सर्ग’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘शरीर का त्याग’।
मंदिर और वास्तुकला
भालका तीर्थ में एक सुंदर मंदिर है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला परंपरागत गुजराती शैली में है। मंदिर के अंदर भगवान कृष्ण की एक भव्य मूर्ति स्थापित है, जो उन्हें शयन मुद्रा में दर्शाती है। मंदिर की दीवारों पर कृष्ण के जीवन से संबंधित चित्र और कलाकृतियां हैं।
Historical Landmarks
सोमनाथ की यात्रा का अनुभव इसके ऐतिहासिक स्थलों के बिना अधूरा है। ये स्थान न केवल भारत के समृद्ध इतिहास की गवाही देते हैं, बल्कि आगंतुकों को एक अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव भी प्रदान करते हैं। आइए हम सोमनाथ के कुछ प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करें।
5 .प्रभास पाटन
प्रभास पाटन संग्रहालय सोमनाथ की यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह न केवल इतिहास के प्रेमियों के लिए, बल्कि किसी भी व्यक्ति के लिए जो भारतीय संस्कृति और विरासत को गहराई से समझना चाहता है, एक आवश्यक स्थल है।
जूनागढ़ गेट: वास्तुकला का अद्भुत नमूना
जूनागढ़ गेट, जिसे वेरावल गेट के नाम से भी जाना जाता है, सोमनाथ का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक है। यह न केवल एक प्राचीन प्रवेश द्वार है, बल्कि शहर के समृद्ध इतिहास और वास्तुकला कौशल का एक जीवंत उदाहरण भी है।
गेट का इतिहास और निर्माण
जूनागढ़ गेट का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। यह गेट प्राचीन सोमनाथ नगर के मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता था। इसका निर्माण स्थानीय पत्थरों से किया गया था, जो इसे मजबूती और स्थायित्व प्रदान करते हैं।
वास्तुकला विशेषताएं
भव्य संरचना: गेट की ऊंचाई लगभग 40 फीट है, जो इसे दूर से ही दृश्यमान बनाती है।
मजबूत दीवारें: मोटी और मजबूत दीवारें गेट को सुरक्षा
Spiritual Sites
अब जब हमने सोमनाथ के प्रमुख आकर्षणों और ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जान लिया है, तो आइए इस पवित्र शहर के आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा करें। सोमनाथ न केवल अपने प्रसिद्ध मंदिर के लिए जाना जाता है, बल्कि यह कई अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों और तीर्थस्थानों का भी घर है। ये स्थान न केवल श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इतिहास और वास्तुकला के प्रेमियों के लिए भी बहुत आकर्षक हैं।
7. परशुराम मंदिर
परशुराम मंदिर सोमनाथ के सबसे पुराने और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम को समर्पित है। परशुराम को क्षत्रियों के विनाशक के रूप में जाना जाता है और वे हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मंदिर की वास्तुकला अपने आप में एक कलाकृति है। यह प्राचीन द्रविड़ शैली में निर्मित है, जिसमें विस्तृत नक्काशीदार स्तंभ और जटिल मूर्तिकला शामिल है। मंदिर का शिखर, जिसे विमान कहा जाता है, आकाश में ऊंचा उठता है और दूर से ही दिखाई देता है। मंदिर के अंदर, भगवान परशुराम की एक भव्य मूर्ति स्थापित है, जो अपने हाथ में फरसा (कुल्हाड़ी) धारण किए हुए है।
श्रद्धालु यहां भगवान परशुराम के आशीर्वाद के लिए आते हैं और मानते हैं कि यहां की पूजा से उन्हें शक्ति और साहस मिलता है। मंदिर में नियमित रूप से आरती और पूजा की जाती है, और श्रावण मास के दौरान यहां विशेष उत्सव मनाया जाता है।
परशुराम मंदिर के आसपास का क्षेत्र भी बहुत शांत और सुंदर है। मंदिर परिसर में कई छोटे-छोटे मंदिर और पवित्र कुंड हैं, जहां श्रद्धालु स्नान करके पवित्र हो सकते हैं। यहां की शाम की आरती एक अद्भुत अनुभव है, जब सूर्यास्त के समय पूरा मंदिर दीपों की रोशनी से जगमगा उठता है।
8. लक्ष्मीनारायण मंदिर
लक्ष्मीनारायण मंदिर सोमनाथ के सबसे सुंदर और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु और उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला गुजरात के पारंपरिक मंदिर निर्माण शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
मंदिर का बाहरी भाग सफेद संगमरमर से निर्मित है, जो सूर्य की रोशनी में चमकता हुआ दिखाई देता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर जटिल नक्काशी की गई है, जिसमें देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं के दृश्य उकेरे गए हैं। मंदिर का शिखर, जो कई मंजिला है, आकाश में ऊंचा उठता है और दूर से ही दिखाई देता है।
मंदिर के अंदर, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं। ये मूर्तियां उत्कृष्ट कारीगरी का नमूना हैं और भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। मंदिर की छत पर सुंदर चित्रकारी की गई है, जो पौराणिक कथाओं और देवी-देवताओं के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को दर्शाती है।
लक्ष्मीनारायण मंदिर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती है। सुबह और शाम की आरती के समय मंदिर भक्तों से भरा रहता है। दीपावली के त्योहार पर यहां विशेष पूजा की जाती है और पूरा मंदिर दीपों से सजाया जाता है।
मंदिर परिसर में एक छोटा सा उद्यान भी है, जहां श्रद्धालु शांति से बैठकर ध्यान कर सकते हैं। यहां कई प्रकार के फूल और पेड़ लगाए गए हैं, जो परिसर को और भी सुंदर बनाते हैं। मंदिर के पास एक धर्मशाला भी है, जहां दूर से आने वाले श्रद्धालु ठहर सकते हैं।
9. गीता मंदिर
गीता मंदिर सोमनाथ का एक अनूठा मंदिर है जो पूरी तरह से भगवद्गीता के सिद्धांतों और शिक्षाओं को समर्पित है। यह मंदिर न केवल एक पूजा स्थल है, बल्कि एक शैक्षिक केंद्र भी है जहां लोग गीता के ज्ञान को समझने और अपने जीवन में उतारने के लिए आते हैं।
मंदिर की वास्तुकला आधुनिक और पारंपरिक शैलियों का एक सुंदर मिश्रण है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान कृष्ण और अर्जुन की एक विशाल मूर्ति स्थापित है, जो गीता के उपदेश का प्रतीक है। मंदिर के अंदर, दीवारों पर गीता के श्लोक सुंदर अक्षरों में लिखे गए हैं।
मंदिर में एक बड़ा सभागार है जहां नियमित रूप से गीता पर व्याख्यान और सत्संग होते हैं। यहां विद्वान और संत गीता के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में समझाते हैं। मंदिर में एक पुस्तकालय भी है जहां गीता और अन्य धार्मिक ग्रंथों की विभिन्न भाषाओं में प्रतियां उपलब्ध हैं।
गीता मंदिर में एक विशेष कक्ष है जहां ध्यान और योग के लिए नियमित कक्षाएं आयोजित की जाती हैं। यहां लोग गीता के सिद्धांतों को अपने दैनिक जीवन में लागू करने के तरीके सीखते हैं। मंदिर द्वारा युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें गीता के मूल्यों और नैतिकता पर चर्चा की जाती है।
मंदिर परिसर में एक सुंदर उद्यान है जहां श्रद्धालु शांति से बैठकर गीता का पाठ कर सकते हैं। उद्यान में कई बेंच और गजेबो हैं जहां लोग ध्यान और चिंतन कर सकते हैं। मंदिर के चारों ओर लगे पेड़ों पर गीता के श्लोक लिखे गए हैं, जो आगंतुकों को प्रेरणा देते हैं।
Natural Wonders
सोमनाथ के प्राकृतिक आश्चर्यों की यात्रा पर चलते हैं। यहाँ की खूबसूरत प्राकृतिक स्थल आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। आइए जानते हैं इन अद्भुत स्थानों के बारे में।
10.अहमदपुर मांडवी बीच
अहमदपुर मांडवी बीच सोमनाथ का एक मनमोहक प्राकृतिक आश्चर्य है। यह समुद्र तट अपनी शांति और सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहाँ आकर आप प्रकृति की गोद में खुद को भूल जाएंगे।
स्थान और पहुंच
अहमदपुर मांडवी बीच सोमनाथ शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है। आप यहाँ टैक्सी या ऑटो रिक्शा से आसानी से पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग अच्छी स्थिति में है, जो यात्रा को सुखद बनाता है।
बीच की विशेषताएं
स्वच्छ रेत: अहमदपुर मांडवी बीच की रेत सुनहरी और मुलायम है। यहाँ चलने का अनुभव अद्वितीय होता है।
शांत वातावरण: यह बीच भीड़-भाड़ से दूर है, जो आपको एकांत और शांति प्रदान करता है।
सूर्यास्त का दृश्य: शाम के समय यहाँ का सूर्यास्त देखना एक अद्भुत अनुभव है। सूरज की सुनहरी किरणें समुद्र में डूबती हुई एक मनमोहक दृश्य पेश करती हैं।
समुद्री जीवन: यहाँ आप विभिन्न प्रकार के समुद्री जीवों को देख सकते हैं। कभी-कभी डॉल्फिन भी दिखाई दे जाती हैं।
गतिविधियाँ
तैराकी: समुद्र में तैरना यहाँ एक लोकप्रिय गतिविधि है। हालांकि, सुरक्षा के लिए लाइफगार्ड की सलाह का पालन करना आवश्यक है।
पिकनिक: बीच पर पिकनिक मनाना एक शानदार विकल्प है। अपने साथ खाना और पानी लाना न भूलें।
फोटोग्राफी: प्राकृतिक सौंदर्य के शौकीनों के लिए यह जगह स्वर्ग है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहाँ की तस्वीरें लेना न भूलें।
ध्यान और योग: शांत वातावरण ध्यान और योग के लिए उपयुक
11. पंच पांडव गुफा
1949 में स्वर्गीय बाबा नारायणदास ने सोमनाथ में पंच पांडव गुफा की खोज की, जिसे हिंगलाज माता मंदिर भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांडवों ने निर्वासन के दौरान यहां मां हिंगलाज की पूजा की थी। गुफा में पांडवों को एक मंदिर है।
कामनाथ महादेव मंदिर
200 साल पहले राजा मयूरध्वज ने कामनाथ महादेव मंदिर बनाया था, जो एक विशाल मंदिर परिसर में स्थित है। कई छोटी-छोटी संरचनाओं से विशाल कामनाथ देवता का मंदिर घिरा हुआ है। परिधि के अंदर दो बड़े जल निकाय हैं: एक पवित्र तालाब, दुधियु तलाव। भारत भर से भक्त श्रावण के महीने के अंत में इस स्थान पर आते हैं, जब इस पवित्र अवधि के अंत को मनाने के लिए एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।
सोमनाथ में कहाँ रुक सकते हैं?
लॉर्ड्स इन सोमनाथ, रीजेंटा सेंट्रल सोमनाथ, द फ्रांसीसी रेसीडेंसी सोमनाथ, सरोवर पोर्टिको सोमनाथ और सोमनाथ सागर होटल आपके चुने हुए स्थान हैं।
सोमनाथ में क्या खा सकते हो?
जब आप सोमनाथ जाते हैं, तो आप विभिन्न प्रकार के बेहतरीन भोजन का स्वाद ले सकते हैं! पारंपरिक गुजराती थाली भोजन में रोटी (रोटी), दाल (दाल), सब्जी (सब्जियां), और खिचड़ी (चावल और दाल) शामिल हैं। ढोकला, खांडवी और फाफड़ा अतिरिक्त स्वादिष्ट स्नैक्स हैं जो हल्के और स्वादिष्ट दोनों हैं। यदि आप मिठाई का आनंद लेते हैं, तो जलेबी और श्रीखंड को न भूलें! चूँकि सोमनाथ समुद्र के पास स्थित है, इसलिए साधारण और ताज़ी मछलियाँ उपलब्ध हैं। हर किसी के लिए कुछ न कुछ स्वादिष्ट है!
सोमनाथ जाने का बेस्ट टाइम
गुजरात के सोमनाथ की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी तक है, जब मौसम सबसे अच्छा है। द्वारका में धार्मिक स्थानों की खोज करने और उसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक वातावरण में डूबने के लिए सर्दियों में सुंदर दिनों और ठंडी रातें एकदम सही समय हैं।